रैचिंग खेती ( Ranching Farming )- इस प्रकार की खेती में भूमि की जुताई , बुआई , गुड़ाई आदि नहीं की जाती है और न ही फसलों का उत्पादन किया जाता है , बल्कि प्राकृतिक वनस्पति पर विभिन्न प्रकार के पशुओं जैसे भेड़ , बकरी आदि को चराया जाता है । इस प्रकार की खेती आस्ट्रेलिया , अमेरिका, तिब्बत , भारत के पर्वतीय व पठारी क्षेत्रों में भेड़ , बकरी चराने के लिए की जाती है भारत में प्रायः रैंंच भूमि पर किसी का निजी स्वामित्व नहीं है और सार्वजनि भूमि पर उगी हुई वनस्पति को ही इसके लिए प्रयोग किया जाता है । इसलिए यहाँ पर उगी हुई वनसपति को ही उसके लिए प्रयोग किया जाता है । इसलिए यहाँ इसका कोई निश्चित स्थान नहीं है ।
लेकिन आस्ट्रेलिया , अमेरिका और तिब्बत में भेड़ , बकरी रखने वाले जिन्हें रैंंचर ( Rancher ) कहते हैं अपनी निजी स्वामित्व की भूमि रखते हैं । आस्ट्रेलिया में एक औसत रैच फार्म का क्षेत्रफल लगभग 100 वर्गमील है । वहाँ पर कुछ ऐसे भी फार्म है ।जिनका क्षेत्रफल 1000 वर्गमील से कम नहीं है ।
भारतवर्ष में जम्मू - कश्मीर और बीकानेर का क्षेत्र रैचिंग के लिए मशूहर है।
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